09 Aug 2021
गुरुब्रम्हा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरु:साक्षात पारब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
इस संस्थान व इसके शिक्षको के सन्दर्भ में डॉक्टर राधाकृष्णन की मात्र ये पंक्तियां उदधृत करना चाहूंगी “अच्छे शिक्षक राष्ट्र की संस्कृति के चतुर माली होते हैं ,वो संस्कारो की जड़ो को अपने श्रम से सिंचित कर उन्हें महाशक्ति प्राण बनाते हैं। ”
आपके संस्थान को बहुत बहुत बधाई ।ईश्वर इसे नित नई ऊंचाइयों की ओर ले जाये। आदरणीय शिशिर सर को उनके अथक परिश्रम व असीम धैर्य हेतु हार्दिक आभार व अतुल स्नेह।
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